Saturday, November 20, 2010

तुम याद आये!

खामोशी की आहट मे तुम याद आये,
दिल के टुकड़े जोडे तो तुम याद आये,

उन गलियों से अब ना रहा अपना रिश्ता,
जब खुद को ये समझाया तुम याद आये,

दिन भर मै दुनिया की भीड़ का हिस्सा था,
तन्हाई मे शाम कटी तुम याद आये,

रात थी गुजरी तुम्हे भुलाने की कोशिश मे,
जब सूरज का दीदार हुआ तुम याद आये,

सुनते थे पीते हैं गम भुलाने को सब,
हमने पैमाना छुआ फिर तुम याद आये..........